सपनों से मिसाइलों तक: तेस्सी थॉमस की कहानी

सपनों से मिसाइलों तक: तेस्सी थॉमस की कहानी

भारत की अग्नि पुत्री टेसी थॉमस ने देश के रणनीतिक मिसाइल कार्यक्रमों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत की अग्नि पुत्री टेसी थॉमस ने देश के रणनीतिक मिसाइल कार्यक्रमों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनके समर्पण और प्रतिभा के कारण वे पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में प्रतिष्ठित अग्नि-IV मिसाइल परियोजना की परियोजना निदेशक बन गईं।

उनके समर्पण और प्रतिभा के कारण वे पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में प्रतिष्ठित अग्नि-IV मिसाइल परियोजना की परियोजना निदेशक बन गईं।

टेसी के पास कोझिकोड के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री है। उन्होंने गाइडेड मिसाइल में इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की और डीआरडीओ में शामिल हो गईं।

उनके करियर का महत्वपूर्ण मील का पत्थर अग्नि-IV मिसाइल के लिए परियोजना निदेशक बनना था। टेसी ने अग्नि-V, अग्नि-VI और कई अन्य बैलिस्टिक मिसाइलों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों पर टेसी थॉमस के काम ने विदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी पर देश की निर्भरता को कम कर दिया है।

उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले, जिनमें डीआरडीओ साइंटिस्ट ऑफ द ईयर, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार और भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री शामिल हैं।

थॉमस की चार अन्य बहनें और एक भाई है। उनकी शादी भारतीय नौसेना में कमांडर सरोज कुमार से हुई है और उनका एक बेटा तेजस है।

उनका योगदान मिसाइलों से परे, रक्षा और एयरोस्पेस में उन्नत प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित था।

उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के लिए एक आदर्श के रूप में सेवा करते हुए सभी बाधाओं को तोड़ दिया। टेसी थॉमस की विरासत भारत और दुनिया भर में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।